बहुत याद आता है…
साथ तेरा न रहा, फिर ये जीवन क्यों रहा ?
घण्टों साथ बिताए वो पल, जिन में न था कोई छल
वे मेरी हर ख्वाहिश को आखों में पढ़ना
मेरे बिन कहे , मेरे एहसासों को समझना
बहुत याद आता है……………..
आंसूओं को पलकों से न गिरने देना…
मेरी हंसी में डूबे, दर्द को समझ लेना….
आज भी मेरी सासों में, तेरी सासों की खुशबू है…..
बस रुबरु तू नहीं है… बस रुबरु तू नहीं है…
बहुत याद आता है……
