आज फिर दिल में एक दर्द उठा है, न जाने क्यों इन तन्हाईयों ने हमें घेरा है….
सब साथ है, पर फिर भी तन्हा है,
तन्हाई इस कदर मुझमें समा जाएगी, ये सोचा नहीं था,
तुम इस कदर बेवफा हो जाओगे ये सोचा नहीं था,
वफा गर एक पैमाना है, तो आज इसको माप लेते है,
क्या पता कल, ना यह पैमाना हो और न मापने वाला हो….
आज फिर दिल में एक दर्द उठा है, न जाने क्यों इन तन्हाईयों ने हमें घेरा है….
क्षीरजा
