जिन्दगी बड़ी हंसी है…
फिर ना जाने किस बात की कमी है…
जो चाहा वो मिल ना सका…
जो मिला वो संभल ना सका…
ख़ता कुछ मेरी, तो कुछ उनकी भी रही…
खताएं अगर गुनाह न बनती
तो व़फाएं हम भी निभा जाते…
वो कहते एक बार, रुक जाओ
हम जिन्दगी को रोक देते…
काश वो एक बार, रुक जाते
तो हम कायनात् को रोक देते…
फिर भी जिन्दगी बड़ी हंसी है…
बस एक तू नहीं… यही कमी है
क्षीरजा
